चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest) एक प्रकार प्रकार का ब्याज ही होता है जिसमे समय के साथ-साथ ब्याज पर भी ब्याज लगाया जाता है।
दूसरे शब्दों में, इसे इस तरह समझ सकते है की अगर ब्याज को समय अंतराल में लौटाया नहीं गया तो वह भी मूलधन में जोड़ दिया जाता है।
चक्रवृद्धि ब्याज कैसे ज्ञात किया जाता है?
चक्रवृद्धि ब्याज को निकलने के लिए हमें एक उदहारण और साधारण ब्याज के सूत्र की मदद लेनी होगी –
उदहारण: १०० रुपये पर १० % की वार्षिक दर से २ वर्ष का चक्रवृद्धि ब्याज ज्ञात करे?
इस प्रश्न में मूलधन १०० रुपये है; दर १० % की है तथा समय २ वर्ष है।
इसलिए प्रथम वर्ष में १०० रूपये पर ब्याज होगा – १०० x (10/100) = १० रूपये
अब दूसरे वर्ष में ब्याज के लिए मूलधन 100 + १० = ११० हो जायेगा क्योकि अब प्रथम वर्ष के ब्याज पर भी ब्याज लगेगा।
अत: दूसरे वर्ष का ब्याज होगा – ११० x (१०/१००) = ११ रूपये
इस तरह दो वर्ष का चक्रवृद्धि ब्याज १० + ११ = २१ रूपये होगा।
अगर इसी प्रश्न में साधारण ब्याज ज्ञात करना होता तो ब्याज केवल २० रुपये ही होता।
चक्रवृद्धि ब्याज का फार्मूला
चक्रवृद्धि ब्याज = p (1 + r/100)t – p
जहाँ p = मूलधन है; r = दर है; t = समय है।
अब ऊपर दिए गए उदहारण को इस फॉर्मूले से हल करते है –
चक्रवद्धि ब्याज = १०० x (१ + १०/१००)2 – 100
इसलिए चक्रवद्धि ब्याज = 100 x (1 + 0.1)2 – 100 = 100 x 1.1 x 1.1 – 100 = 121 – 100
अत: चक्रवद्धि ब्याज = 21 रूपये
इस प्रकार हम सभी प्रकार के चक्रवृद्धि ब्याज के सवालो को हल कर सकते है।
नोट: इस आलेख में हमने चक्रवृद्धि ब्याज निकलना सिखाया है जिसकी आवश्यकता दैनिक जीवन में सभी को होती है क्योंकि जिंदगी में कभी न कभी ब्याज पर पैसे लेने की जरुरत हो सभी को होती है, चाहे वह व्यक्ति कितना भी आमिर क्यों ना हो।
इसमें हमने ब्याज निकालने के लिए साधारण ब्याज का सूत्र, प्रतिशत, दशमलव संख्या, घातांक, इत्यादि का प्रयोग किया है जिन्हे भी आप इसी साइट पर सिख सकते है।
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